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    विद्यालय पत्रिका

    पत्रिका : रचनात्मकता अपने बेहतरीन रूप मा

    स्कूल पत्रिका साहित्यिक खजाना मा से एक है जहाँ बच्चा आपन कल्पना के धागा बुन के रचनात्मकता से सजावत हैं। उइ कविता, कहानियन, लेखन, चित्रन, चित्रकला अऊर साहित्यिक अऊर दृश्य कला के अन्य कामन के माध्यम से आपन दिल का उगलै के लिए ई मंच का विवेकपूर्ण रूप से उपयोग करत हैं। बच्चा अपनी रचनात्मक गतिविधि के माध्यम से चित्रित आत्म-अभिव्यक्ति का जश्न मनावै से ज्यादा संतोषजनक कुछौ नाहीं है। यहि बात का ध्यान मा रखि के छठवीं से बारहवीं तक के छात्रन द्वारा अलग-अलग कक्षावार पत्रिका प्रकाशित कीन जात रहीं जेहिसे सब बच्चन का आपन छुपी प्रतिभा का सामने लावै का मौका मिलै। इन उत्तम संग्रहन से सबसे अच्छी प्रविष्टियन का तब एक स्कूल पत्रिका मा संकलित कीन गा रहा। ई न केवल बच्चन के विचारन का प्रभावी ढंग से व्यक्त करै के क्षमता का बढ़ावा दिहिस बल्कि ओनका बिना कौनो प्रकार के निषेध के आपन विचारन का सामने लावै के क्षमता भी दिहिस।